Thursday, May 5, 2016

BHAGAVA GITA CHAPTER 13 - JUNE 30th, BY PRAVEEN SHARMA IN HINDI AT BHARATIYA TEMPLE ON AT 7 P.M -2016

                                                                                 
भारतीय मंदिर
१६१२, काउंटी लाइन रोडशैलफ़ॉन्ट, पेन्सिल्वेनिआ १८९१४
   फोन २१५-९९७-११८१ 215-997-1181   


      अगला सत्संग : बृहस्पतिवार, ३० जून​​, २०१६

                   ७:०० बजे सांय - ८:३० बजे सांय

    भगवद्गीता अध्याय १३: क्षेत्रक्षेत्रज्ञविभागयोग​: श्लोक २६ - ३४


१३.२६ प्राणियोंके उत्पन्न होनेका क्या कारण है ?
१३.२९ यथार्थ कौन देखता है ?
१३.३१ उस पुरुषका वास्तविक स्वरूप क्या है ?
१३.३२ वह पुरुष कैसे लिप्त नहीं होता ?
१३.३३ आत्मामें कर्तृत्वका अभाव कैसे है



CLICK FOLLOWING LINK & View The Entire  GITA Study Group Session


बृहस्पतिवार, १९ मई, २०१६ :०० बजे सांय -:बजे सांय
19 मई, 2016 7:00 बजे सांय - 9:00 बजे सांय
 चर्चा का विषय: भगवद्गीता अध्याय १३
 क्षेत्रक्षेत्रज्ञविभागयोग​: श्लोक १२२५

 चर्चा का विषय: भगवद्गीता अध्याय १३: क्षेत्रक्षेत्रज्ञविभागयोग​: श्लोक १२ - २५

१३.१२ ज्ञानसे किसको जाना जाता है ?

१३.२१ जीवके ऊँच​-नीच योनियोंमें जन्म लेनेका क्या कारण है ?

१३.१९ प्रकृति और पुरुषमें क्या अन्तर है ?

१३.२४ जन्म​-मरणसे रहित होने का क्या साधन है ?

१३.२५ जन्म​-मरणसे रहित होने का और​ क्या साधन है ?

परिवार के अन्य सदस्यों एवं मित्रों के साथ आएँ तथा सत्संग का लाभ उठाएँ

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें: रीटा शेठ (610) 275-7472 btiedu11@aol.com
CLICK FOLLOWING LINK & View The Entire  GITA Study Group Session




PLEASE CLICK AND WATCH ALL PREVIOUSLY DONE SLOKA'S IN GITA STUDY GROUP SECESSIONS IN HINDI BY PRAVEEN SHARMA.

1 comment:

  1. WHATEVER IS HAPPENING IS GOOD
    WHATEVER WILL HAPPEN WILL ALSO BE GOOD
    WHAT HAVE YOU PARTED WITH THAT MAKES YOU CRY ?
    WHAT DID YOU BRING WITH YOU THAT YOU HAVE LOST ?
    WHAT DID YOU CREATE WHICH IS NOW DESTROYED ?
    WHAT YOU HAVE TAKEN, YOU HAVE TAKEN ONLY FROM HERE.
    WHAT WAS GIVEN WAS GIVEN ONLY FROM HERE.
    WHAT IS YOURS TODAY, WAS SOMEONE ELSE'S YESTERDAY, WILL BE SOMEONE ELSE'S TOMORROW.

    ReplyDelete

Note: Only a member of this blog may post a comment.