Sunday, July 24, 2016

BHAGAVAT GITA CHAPTER 15 – SEPTEMBER, 29TH , THURSDAY BY PRAVEEN SHARMA IN HINDI AT BHARATIYA TEMPLE ON AT 7 P.M -2016


                                               भारतीय मंदिर
१६१२, काउंटी लाइन रोड
शैलफ़ॉन्ट, पेन्सिल्वेनिआ १८९१४
फोन २१५-९९७-११८१ 215-997-1181
 अगला सत्संग : बुध​बृहस्पतिवार, २९ सितम्बर​​​, २०१६  ७:०० बजे सांय - ८:३० बजे
भगवद्गीता अध्याय १५: पुरुषोत्तमयोग:श्लोक १ -

१५.१ यह संसार-वृक्ष क्या है ?
१५.३ संसारवृक्षका वर्णन करनेका क्या प्रयोजन है ?
१५.४ संसारवृक्षका छेदन करनेके बाद साधकको क्या करना चाहिये ?
१५.६ भक्त जिस अविनाशी पदको प्राप्त करते हैं, वह अविनाशी पद कैसा है ?

१५.७ जीवकी किस भूलसे उसे नित्यप्राप्त परमात्मस्वरूपका अनुभव नहीं हो रहा है ?


परिवार के अन्य सदस्यों एवं मित्रों के साथ आएँ तथा सत्संग का लाभ उठाएँ
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करेंरीटा शेठ (610) 275-7472 btiedu11@aol.com
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24 अगस्त, 2016 7:00 बजे सांय - 8:30 बजे सांय

चर्चा का विषयभगवद्गीता अध्याय १४गुणत्रयविभागयोग​:श्लोक १३ - २७
१४.१३ बढ़े हुए तमोगुणके क्या लक्षण होते हैं ?

१४.१४ बढ़े हुए सत्त्वगुणकी वृत्तिका क्या फल होता है ?

१४.१५ बढ़े हुए रजोगुण और तमोगुणकी वृत्तियोंका क्या फल होता है ?

१४.२० देहधारी तीनों गुणोंका अतिक्रमण करके क्या अनुभव करता है ?

१४.२४ गुणातीत मनुष्यके आचरण कैसे होते हैं ?

परिवार के अन्य सदस्यों एवं मित्रों के साथ आएँ तथा सत्संग का लाभ उठाएँ
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