Month of September 2014,
Gita study group we cover
३.३६ क्या मनुष्य पाप करना चाहता है?
अनिच्छन् अपि
न चाहता हुआ भी
३.३७ मनुष्य से पाप कौन करवाता है?
काम एष:
यह स्वार्थ से भरी हुई इच्छा ही
३.३८ हमारे ज्ञान को कौन ढक लेता है?
तेन इदं आवृतम्
स्वार्थ से भरी इच्छा से यह ज्ञान ढका रहता है
३.४२ इंद्रियों से बलवान कौन है?
इन्द्रियेभ्य: परम् मन:
मन इंद्रियों से श्रेष्ठ है
३.४३ मनुष्य कामरूपी शत्रु पर विजय कैसे प्राप्त करे?
संस्तभ्य आत्मानम् आत्मना
बुद्धि से मन को वश में कर के
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